HEART LINE RESTS OVER JUPITER OR LINE OF HEAD BEGINS FROM JUPITER WITH INCREASED CHARACTERISES OF SEXUALITY :: One is capable of achieving what he desires through fair or foul means. With the increase in these characterises sexuality is enhanced.
HEART LINE RESTS OVER JUPITER OR LINE OF HEAD BEGINS FROM JUPITER, THICK THUMB, HAND BLACK, LIFE LINE STRAIGHT :: Extreme sexuality with animal instincts, unnatural sex.
HEART LINE CLOSE TO FINGERS, SHORT LINE OF HEAD :: Sex blindness, magnetic attraction for opposite sex.
SMALL, THIN & BLACK HAND, SHORT LINE OF HEAD-RESTS BELOW SATURN, DEFECT IN THE LINE OF HEAD :: Worst social crimes, immoral acts, buying-selling women, works as commission agents for prostitutes-whores, concubines. Never mix with such people or allow entry in side the house. Always be cautious with them. They wear uncommon-unusual dress, frequently change hair style, grow or cut beard & moustache too frequently.
DEVELOPED VENUS, LONG FINGERS :: One enjoys life, spends more time away from home with friends. He seldom acts against his family’s reputation and brings slur-bad name to the reputation of the family.
SHORT & THIN FINGERS, DEVELOPED VENUS :: Mentally alert, tries to progress which often comes late, delay in progress, many love affairs.
DEVELOPED VENUS :: Many love affairs, delay in marriage, obstacles in marriage, break in settled marriage, alert but lacks self confidence. Marries only after regular-proper employment-job or settlement in life. Initially lack devotion to Almighty which comes around middle age.
RAISED VENUS :: One settles in business after trying his hand in some other professions-jobs.
RAISED VENUS, LINES ORIGINATE FROM THE ROOT OF THE THUMB MOVES TO LIFE LINE :: One joins service. He occupies high positions if the hand is good.
RAISED VENUS, SUN LINE RISES OVER VENUS AND REACHES SUN :: The bearer is involved in show business-film industry or decoration business.
RAISED VENUS, SUN LINE RISES OVER VENUS AND REACHES SUN, MOUNT OF JUPITER RAISED :: Success in politics with the help of some near & dear.
SMALL HAND-NARROW VENUS :: One is lazy, like rest, short lived, talks more-works less.
LOOSE VENUS, SEXY NATURE :: Impotency, sex organs loose, loss of fertility in sperms. One dreams of opposite sex, quite frequently. Heaviness in head, watering of eyes, want to take rest after eating.
DEFECTIVE VENUS-TOO LOOSE OR EXAGGERATED, LINE OF HEART AND LINE OF HEAD DEFECTIVE UNDER SATURN :: One is crazy, suffers from hallucination or turns mad. He urinate in the bed.
DEFECTIVE VENUS-TOO LOOSE OR EXAGGERATED, RAISED MOON, LINE OF HEAD DEFECTIVE UNDER SATURN :: Excessive sexual desire, illicit sexual relations, leading to diseases pertaining to urination, impotency-loosening of sex organs. In spite of virtuous nature, one may suffer from characterlessness.
DEFECTIVE VENUS-TOO LOOSE OR EXAGGERATED, SLIGHTLY LONG PALM, LONG JUPITER FINGER :: Loose character and still the desire to be respected-honoured.
SOFT, FLABBY, SPONGY VENUS :: One may not be able to reach the high of his profession due to lack of desire, capacity, calibre due to laziness, lack of desire. It might because of self satisfaction.
UNDEVELOPED VENUS :: Lack of confidence.
UNDEVELOPED VENUS, GOOD LINE OF HEAD, WITHOUT DEFECTS, REACHES MENTAL MARS :: One is committed to work. he is blessed with foresightedness. losses or gains depend upon the formation of hand and other sign else where.
UNDEVELOPED VENUS, GOOD LINE OF HEAD, WITHOUT DEFECTS, REACHES MENTAL MARS, LONG FINGERS :: One is unable to recover money given over loan.
UNDEVELOPED VENUS, SHORT LINE OF HEAD :: One feels restlessness. he is successful in life in spite of obstacles.
FIVE HORIZONTAL LINES OVER VENUS :: Bearer enjoys unnatural sex with him in childhood.
FIVE HORIZONTAL LINES OVER VENUS, ISLAND IN LINE OF HEAD BELOW SATURN :: The bearer continues homosexual relation in adulthood as well due to feminine nature. He is comfortable in old age.
LINES PARALLEL TO LIFE LINE, OVER PHYSICAL MARS :: The memory will be good depending upon thickness, proper formation and clarity of lines in addition to good relations with every one.
ISLANDED LINES PARALLEL TO LIFE LINE, OVER PHYSICAL MARS :: Hereditary nervous weakness or symptoms of madness. This defect may be found in brother or sister.
BROKEN LINES PARALLEL TO LIFE LINE OVER PHYSICAL MARS :: Irritable temperament and quarrelsome nature showing signs of madness. Sour relations with the spouse.
BLACK MOLE OVER VENUS :: Possibility of stone in opposite side kidney. Spouse will face health problems. Luck will shine after 25th year. One will become rich in old age.
BLACK MOLE OVER VENUS IN FEMALE’S HAND :: Uterus or kidney problems.
MOLE OVER VENUS ON THE OPPOSITE SIDE OF PALM :: One’s mother, grand mother, wife or the daughter in law will face health problems. Maternal aunt or grand mother will become widow. Its essential to predict anything in this regard only after consulting other inauspicious signs over the hands and that is too, in both the hands.
BLACK MOLE, RED OR BLACK HAND :: One will acquire bad habits like gambling, eating meat, consuming wine and obviously involve in sex with wretched women.
शुक्र ग्रह :: इसका सम्बन्ध सौन्दर्य, स्थिति, काम वासना-पिपासा, गुर्दे, पुंसत्व, पत्नी, संतान, यौन सम्बन्ध, वीर्य, वहम, कला आदि से है।
शुक्र अँगूठे के नीचे शुरू होकर जीवन रेखा के भीतर का स्थान घेरता है। विस्तार की दृष्टि से यह हथेली पर सबसे बड़ा ग्रह है। इसका अधिक उठा होना, अधिक सुडौल होना, अधिक ढ़ीला या फिर बैठा होना उचित नहीं माना जाता।
उत्तम शुक्र-सामान्य गठन, अधिक मुलायम या कठोर न हो, कटी-फटी रेखाओं से रहित :: स्वनिर्मित, सन्तुलित, सतर्क, सौन्दर्य प्रशंसक, साहित्यिक रुचि वाले कवि या कलाकार।
अत्यधिक उठा हुआ शुक्र :: अशुभ। जातक 43 वर्ष की आयु तक असंतुष्ट रहता है और पर्याप्त तरक्की नहीं कर पाता। 14, 44, 59 तथा 61 वांँ वर्ष झंझट से भरे होते हैं। जातक वासना प्रिय, अति कामुक, शृंगार और अश्लील किताबें देखने-पढ़ने वाला, गन्दी फ़िल्में देखने वाला, वहमी मगर सतर्क, स्वादिष्ट भोजन कर सुगंध प्रिय, संगीत प्रिय। जातक नग्नावस्था में यौन क्रिया करता है, बेशर्म, लिंग में स्थिलता का शिकार, चरित्र हीनता।
अत्यधिक उठा हुआ शुक्र, शुक्र और हाथ का गठन अच्छा :: पूरे जीवन रति क्रिया का शौक और किसी न किसी तरह से उसे पूरा करना।
हाथ उत्तम, जीवन रेखा गोल, भाग्य रेखा पतली और जीवन रेखा से दूर या एक से ज्यादा, मस्तिष्क रेखा उत्तम :: उन्नति, पर संतुष्टि 45 की उम्र के बाद।
मस्तिष्क रेखा और जीवन का जोड़ शनि पर्वत के नीचे तक :: अधिक भावुकता, यौन चिन्तन, विपरीत लिंग के प्रति आकृषण जिससे व्यक्ति को जीवन में कष्ट, उन्नति में अवरोध, अनेक प्रकर के झंझटों का सामना करना पड़ता है। यदि हृदय रेखा से छोटी-छोटी रेखाएँ निकल कर मस्तिष्क रेखा की ओर जायें तो यह दुष्प्रभाव और अधिक हो जाता है। अपनी प्रकृति के विरुद्ध जातक किसी पर भी अंध-विश्वास कर लेता है और दुःख उठता है। अँगूठा काम खुले तो यौन सम्बन्ध के कारण पूरी तरह बर्बाद हो जाता है। जीवन में बार-बार गलतियाँ करता है। विपरीत लिंग उसकी कमजोरी होता है जिसका गलत फायदा उठाया जाता है।
बुध की अँगुली तिरछी :: जातक मजाकिया, बहुरूपिया, रंग-बिरंगे कपड़े पहनने वाला, विपरीत लिंग के जैसे कपड़े पहनने वाला, नाचने-नाटक आदि का शौकीन।
अत्यधिक विकसित चन्द्र, मस्तिष्क रेखा चन्द्र पर बहुत ज्यादा झुकी हुई :: जातक झक्की स्वभाव वाला, वहम का शिकार होगा।
झक्की :: eccentric, whimsical, crazy, capricious, dotty, garrulous, petulant, whimsical, maniac, fanatic, queer, fanciful.
अत्यधिक विकसित चन्द्र, मस्तिष्क रेखा चन्द्र पर बहुत ज्यादा झुकी हुई, दोषपूर्ण और बहुत जायदा लम्बी मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा में दोष :: जातक पागल पण का शिकार हो सकता है।
हृदय रेखा वृहस्पति पर पहुँचे या मस्तिष्क रेखा की शुरुआत वृहस्पति से और कामुकता के लक्षणों में वृद्धि :: परिणाम की परवाह किये बिना अपना काम निकलने में माहिर। कामुकता के लक्षणों में वृद्धि के साथ-साथ कामुकता में वृद्धि।
हृदय रेखा वृहस्पति पर पहुँचे या मस्तिष्क रेखा की शुरुआत वृहस्पति से, अँगूठा मोटा, हाथ काला, जीवन रेखा सीधी :: वासना में पशुत्व, अप्राकृतिक मैथुन।
हृदय रेखा अँगुलियों के नजदीक, मस्तिष्क रेखा छोटी :: कामदेव के प्रतिरूप।
हाथ छोटा, पतला, काला, अँगुलियाँ टेढ़ी-मेढ़ी, मस्तिष्क रेखा में दोष :: निकृष्टतम असामाजिक कार्य, अनैतिक कार्य, स्त्रियों को बेचना, दलाली आदि। ऐसे व्यक्ति से किसी प्रकार का सम्बन्ध न रखें और घर में प्रवेश न करने दें। ये लोग असामान्य कपड़े पहनते हैं। बालों का रख-रखाव बदलते रहते हैं। मूँछ और दाढ़ी रखना, कटवाना और उनके रूप में अक्सर परिवर्तन करते रहते हैं।
शुक्र उन्नत, अँगुलियाँ लम्बी :: मस्त तबियत, घर से बेपरवाह, अधिक समय घर से बाहर मित्रों के साथ बिताना, कुल मर्यादा के विरुद्ध निन्दनीय कार्य कर बैठना।
अँगुलियाँ छोटी, पतली और शुक्र उठा हुआ :: सतर्क स्वभाव, अपनी उन्नति का विचार, देर से उन्नति, परेशानियों का सामना, अनेक प्रेम प्रसंग।
अधिक विकसित शुक्र :: अनेक प्रेम प्रसंग, शादी में रूकावट, रिश्ता होकर टूटना, जीवन में स्थिरता उपलब्ध करने पर ही विवाह करना। अपने ऊपर विश्वास में कमी। प्रारम्भ में भक्ति भाव कम, मगर मध्य आयु तक भगवत्भक्ति की प्राप्ति।
माँसल-गुदगुदा शुक्र :: इच्छा की कमी, कर्मठता का अभाव, आलस्य की वजह से व्यक्ति तरक्की नहीं कर पाता। आत्म संतुष्टि भी इसका एक कारण हो सकती है।
शुक्र उठा हुआ, भाग्य रेखा मोटी :: घर की परवाह न करने वाला चरित्रहीन व्यक्ति। किसी न किसी कुटैव का शिकार जैसे :- शराब पीना, चोरी करना, स्कूल से भागना, झूंठ बोलना, दोस्तों के साथ समय बर्बाद करना। पढ़ाई में रुकावट, अध्ययन के समय उत्तरदायित्व की कमी। ये व्यक्ति जीवन के अन्त में धनी होते देखे जाते हैं। इनका व्यवहार पत्नी के साथ सही नहीं होता। पत्नी के कामुक नहीं होने से असन्तुष्टि बानी रहती है। स्वभाव से अधिक भावुक होते हैं और जीवन में कई बार दुर्घटना के शिकार।
मस्तिष्क रेखा मोटी या अँगुलियाँ मोटी :: जातक को नींद बहुत आती है। उसकी निर्णय शक्ति उत्तम नहीं होती। अत्यधिक वासनात्मकता बानी रहती है, जिससे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। प्रेमिका के साथ उल्टे-सीधे वायदे करते हैं। इनका प्रेम बनावटी होता है और प्रेम सम्बन्ध विच्छेद का इन्हें कोई गम नहीं होता।
मस्तिष्क रेखा मोटी या अँगुलियाँ मोटी, हाथ कठोर :: स्वास्थ्य में विशेष दोष का निवारण।
शुक्र अधिक उठा हुआ, हाथ में रेखाएँ कम :: जातक हर काम में जल्दबाजी करता है, उचित-अनुचित कार्य कर बैठता है और पछताता है। जीवन साथ का स्वास्थ्य सही नहीं रहता। पत्नी को गर्भाशय, पेट, मानसिक विकार, जैसे रोग हो जाते हैं। स्त्री होने पर पति को मूत्र विकार होते हैं। शुरु में पत्नी देखने में सुंदर मगर बाद में भद्दी-बदसूरत हो जाती है।
शुक्र अधिक उठा हुआ, हाथ में रेखाएँ कम, मस्तिष्क रेखा में दोष, जीवन रेखा सीधी :: जातक समय से पहले ही अधेड़ लगने लगता है। पत्नी में कामुकता अधिक नहीं होने से वाद-विवाद होता रहता है।
शुक्र अधिक उठा हुआ, हाथ में रेखाएँ कम, मस्तिष्क रेखा में दोष, जीवन रेखा सीधी, भाग्य रेखा मोटी, होकर हृदय या मस्तिष्क रेखा पर रुके :: जातक की पत्नी का स्वभाव ठीक नहीं होता; जिससे उसे असंतोष बना रहता है। जातक के कन्याएँ ज्यादा होती हैं।
शुक्र अधिक उठा हुआ, हाथ में रेखाएँ कम, मस्तिष्क रेखा में दोष, जीवन रेखा दोष सहित सीधी या गोलाकार, भाग्य रेखा मोटी, होकर हृदय या मस्तिष्क रेखा पर रुके :: लड़कियाँ होंगी, लड़कों से परेशानी रहेगी। मकान अन्दर से सुन्दर मगर बाहर से देखने में अच्छा नहीं होगा। जिस स्थान पर मकान होगा वह जगह भी सजावट रहित होगी।
उन्नत शुक्र :: जातक घूम-फिर कर बाद में स्थाई रुप से व्यापार करता है।
उन्नत शुक्र, अँगूठे के मूल से निकलती हुई जीवन रेखा की ओर जाती हुई रेखाएँ :: जातक नौकरी करता है। हाथ उत्तम होने पर उच्च पदासीन भी होता है।
उन्नत शुक्र, सूर्य रेखा शुक्र पर उदय होकर सूर्य पर :: सिनेमा, सजावट सम्बन्धी कार्य।
उत्तम, सूर्य रेखा शुक्र पर उदय होकर सूर्य पर, वृहस्पति उन्नत :: करीबी व्यक्ति की मदद से राजनीति में सफलता।
छोटे हाथ, शुक्र का फैलाव-विस्तार कम :: जातक आलसी, आराम तलब, अल्पायु, दरिद्र, बात-अधिक, काम कम करने वाला।
शुक्र ढ़ीला, वासनात्मक प्रवृत्ति :: नपुंसकता, यौन शिथिलता, पुंसत्व नष्ट, स्वप्न में विपरीत लिंग के व्यक्तियों का दिखना, सर भारी रहना, आँख में पानी आना, खाने के बाद आराम करने का मन।
दोषयुक्त शुक्र-अत्यधिक ढ़ीला अथवा अत्यधिक उठा हुआ; हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा पर शनि के नीचे दोष :: जातक, वहमी, पागल, सनकी जैसा होता है। बिस्तर में पेशाब भी कर सकता है।
दोषयुक्त शुक्र-अत्यधिक ढ़ीला अथवा अत्यधिक उठा हुआ; उन्नत चंद्र, हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा पर शनि के नीचे दोष ::कामवासना की अधिकता, अवैध शरीरिक सम्बन्धों के कारण मूत्र रोग, नपुंसकता, यौन शिथिलता, सात्विक प्रवृत्ति होते हुए भी चरित्र में दोष।
दोषयुक्त शुक्र-अत्यधिक ढ़ीला अथवा अत्यधिक उठा हुआ, हाथ कुछ ज्यादा लम्बा, वृहस्पति की अंगुली लम्बी :: चारित्रिक दुर्बलता, सम्मान की भावना की अधिकता।
अविकसित-बैठा हुआ शुक्र :: आत्मविश्वास में कमी।
अविकसित-बैठा हुआ शुक्र, मस्तिष्क रेखा सुन्दर, निर्दोष, उच्च मंगल पर पहुँचे :: कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता, दूरदर्शिता-हाथ में अन्य लक्षणों के अनुरुप हानि-लाभ।
अविकसित-बैठा हुआ शुक्र, मस्तिष्क रेखा सुन्दर, निर्दोष, उच्च मंगल पर पहुँचे, अँगुलियाँ लम्बी :: दिया गया कर्ज वापस नहीं मिलता।
अविकसित-बैठा हुआ शुक्र, मस्तिष्क रेखा छोटी :: जातक को घबराहट होती है। जीवन में अवरोध के बावज़ूद सफलता मिलती है।
शुक्र पर 5 पड़ी रेखाएँ :: जातक के साथ बचपन में अप्राकृतिक मैथुन।
शुक्र पर 5 पड़ी रेखाएँ, शनि के नीचे मस्तिष्क रेखा में द्वीप :: जातक वयस्क होने पर भी अपने साथ अप्राकृतिक मैथुन, स्त्री सुलभ प्रकृति के कारण करवाना पसंद कर्ता है। ऐसे व्यक्ति बुढ़ापे में सुखी रहते हैं।
जीवन रेखा के समानांतर मंगल पर आने वाली रेखाएँ :: ये रेखाएं जितनी सुडौल, मोटी, स्पष्ट और सुन्दर होंगी, जातक की स्मृति और सभी के साथ सम्बन्ध उतने ही सही रहेंगे।
जीवन रेखा के समानांतर मंगल पर आने वाली द्वीपयुक्त रेखाएँ :: जातक के कुटुम्ब में स्नायु दुर्बलता या पागलपन। यह विकार भाई, बहन, में भी हो सकता है।
जीवन रेखा के समानांतर मंगल पर आने वाली कटी-फ़टी रेखाएँ :: जातक का मिज़ाज चिड़चिड़ा और झगड़ालू स्वभाव, यह पागलपन का लक्षण भी है। पति-पत्नी में परस्पर सम्बन्ध भी मधुर नहीं रहेंगे।
शुक्र पर तिल :: गुर्दे में पथरी की संभावना। जिस हाथ में तिल होगा उसके उलटे हाथ की किडनी में परेशानी होगी। जीवन साथी का स्वास्थ्य सही नहीं रहेगा और अन्त में उसके बिना ही रहना होगा। 25 की उम्र के बाद भाग्योदय। जातक जीवन के अंत में धनी बन जाता है। जीवन साथी से या तो सम्बन्ध विच्छेद हो जाता है अथवा उसकी मृत्यु हो जाती है। अगर हाथ में अन्य लक्षण विपरीत हों तो ऐसा जवानी में ही हो जाता है।
हाथ में अन्य लक्षणों से इसका समन्वय करना जरुरी है शुक्र भले भी बैठा हो या उठा हो। जातक के परिवार में कोई न कोई चिकित्सक होता है।
शुक्र पर तिल, हाथ का रंग लाल या काला :: जातक माँस खाना, शराब पीना, जूआ खेलने जैसे गलत काम करता है।
BLACK MOLE WITH TIGHT HANDS :: Sex organs will become loose and mental peace may be lost.
शुक्र पर तिल, हाथ कठोर :: यौन शिथिलता और मानसिक अशान्ति।
स्त्री के शुक्र पर तिल :: गर्भाशय तथा पेट के रोग।
शुक्र पर हथेली के दूसरी तरफ तिल :: जातक की माँ, दादी, पत्नी या फिर किसी सन्तान की पत्नी के स्वास्थ्य में दोष रहता है। मामी या दादी विधवा होती हैं।
SIGNS OVER FIRST PHALANGE OF THE THUMB ::
🟐 ONE STAR, DEVELOPED VENUS :: One lives like lords but is adulterous-adulterer.
✵★ TWO STARS :: One is a habitual fault finder of others.
△ TRIANGLE :: Developed logic power with scientific aptitude.
◯ CIRCLE :: One is deprived of success in business. He may spend his wealth in lottery, gambling, betting, race, etc. He looses his honour and repent in life.
≡ THREE PARALLEL HORIZONTAL LINES :: One has poor power of logic, discrimination, rationality.
THREE VERTICAL LINES :: One is sharp with divine grace, quick to learn, intelligent-enlightened, with pronounced power of logic.
+ X PLUS OR CROSS MARKS :: One will be sorry to loose, separate or away from his dearest person.
XX TWO CROSSES :: One is extremely sexy-lascivious and faces turmoil-pitiable condition during his last days.
⏍ SQUARE MARK :: One is blessed high degree of logic power and wins in his endeavours-efforts as a physician, astrologer, lawyer, orator, scholar.
GRID :: Its inauspicious at the Venus. One is Manglik. His Ashtvarg is ineffective. He will not get the output-reward in the proportion of his labour-efforts.
GRID CLOSE TO NAIL OF THUMB :: Deceives the life partner-spouse.
SECOND PHALANGE ::
🟐 ONE STAR :: In spite of being virtuous one may fall in bad company.
△ TRIANGLE :: Enlightened, high level scholar or philosopher.
◯ CIRCLE :: Unparalleled logic.
≡ THREE HORIZONTAL LINES :: Argumentative, lack of prudence.
।।। THREE VERTICAL LINES :: Lacks fear, open-free thought-ideas.
+ X PLUS OR CROSS MARKS :: Interest in prostitutes, whores, concubines, wretched women.
⏍ SQUARE :: One is logical, likes justice and a practical man.
GRID :: Its inauspicious at the Venus. One is Manglik. His Ashtvarg is ineffective. He will not get the output-reward in the proportion of his labour-efforts.
GRID CLOSE TO NAIL OF THUMB :: Deceives the life partner-spouse.
One lacks reasoning-logic, rationality. He must consult his seniors, elders, specialists, before taking some decision. He may not arrive at proper end him self. He should remain away from professions like law & justice, philosophy, astrology-palmistry, if found over the second phalange of the thumb.
जाली :: स्थान पर यह बेहद अशुभ है। जातक अत्यधिक विलासी और अन्य स्त्रियों से सम्बन्ध रखने वाला होता है। वह अक्सर बैचेनी और दिल उचाट होने का आभास करता है। जातक की कुण्डली में शुक्र 1, 4, 7 या फिर 10वें स्थान पर हो सकता, जिससे उसे सामुद्रिक यात्रायें, तस्करी, मछली उद्योग, हीरे जवाहरात का व्यापार और अन्य गलत कार्य करते हुए देखा जा सकता है।
निम्न शुक्र क्षेत्र में पाया जाने वाली यह जाली जातक के जेल जाने का सन्देश देती है। शुक्र की विपरीत दशा लगते ही इसका योग होता है।
THIRD PHALANGE-VENUS ::
🟐 ONE STAR :: Death of a close relative. One might experience impotency after the age of 35-40 years. If the star is present in both the hands this formation is confirmed.
△ TRIANGLE :: Successful marriage, gain of wealth from lover.
◯ CIRCLE :: Eye trouble.
≡ THREE PARALLEL HORIZONTAL LINES :: Excess desire for sex-sexy nature, dissatisfied with sex, bad effect of sexual contacts other than wife if these lines meet Life Line or cuts the Line Line.
CLEAR LINES AT THE ROOT OF VENUS :: Number of jobs-professions, close associates, change of work place.
।।। THREE PARALLEL VERTICAL LINES :: A single line close to Life Line protects one from accidents. It shows positive-favourable influence. If these lines are present in the middle of Venus, one will be highly positioned officer in police, administration or judiciary having faith in truth, discipline, pure love.
VERTICAL LINES NEAR RASCETTE OVER RIGHT HAND :: Clear smooth lines long lines shows brother, small thin smooth lines show sisters.
VERTICAL LINES NEAR RASCETTE OVER LEFT HAND :: Clear smooth lines long lines shows uncles. small thin and clear lines show aunts-Bua-father’s sister.
+ X PLUS OR CROSS MARKS :: Kidney and anus trouble.
⏍ SQUARE MARK :: Protects life. One is shielded from venereal diseases. There are chances of seclusion-isolation or imprisonment (if other signs are inauspicious).
GRID :: This is the only place where grid is a favourable sign to possess. Venus is found at 1st, 4th, 7th or 10th place in the horoscope of the bearer. One deals in smuggling, gems, whale oil, fish industry, and earn money through socially disproved-rejected means-trades. However if it is seen at the lower Venus it sends one to jail as soon Venus becomes negative in the horoscope.
One lacks reasoning-logic, rationality if this found over the second phalange of the thumb. He must consult his seniors, elders, specialists, before taking some decision. He may not arrive at proper end him self. He should remain away from professions like law & justice, philosophy, astrology-palmistry.
प्रथम पर्व ::
🟐एक तारे का चिन्ह :: जातक ऐश्वर्य शाली मगर, व्याभिचारी।
तारे के दो ✵★ चिन्ह :: छिद्रान्वेषी।
△ त्रिभुज :: विकसित तर्कशक्ति और वैज्ञानिक दृष्टिकोण।
◯ वृत-कन्दुक :: जातक जुआ, सत्ता, घुड़दौड़, शर्त, शेयर बाजार में अपनी सम्पत्ति गवांकर जीवन भर पछताता है। उसे व्यापार में कभी सफलता नहीं मिलती।
≡ तीन समानांतर पड़ी-अाड़ी रेखाएँ :: जातक की तर्क शक्ति कमजोर होती है।
।।।तीन समानांतर खड़ी-उर्ध्व रेखाएँ :: जातक तेज, अलौकिक, तीव्रग्राही, बुद्धि और तर्कशक्ति से निहित।
+ X जमा या गुणा का चिन्ह :: जातक को अपने निकटतम प्रिय व्यक्ति का वियोग सहना पड़ता है।
XX दो गुणक चिन्ह :: जातक अत्यधिक विलासी और अंतिम समय में गुप्त रोगों के कारण दयनीय अवस्था को प्राप्त होता है।
⏍ वर्ग चिन्ह :: जातक तार्किक शक्ति से परिपूर्ण, वकील, चिकित्सक, पंडित, ज्योतिषी, सफल वक्ता, होता है। यह चिन्ह उसकी सफलता-विजय की निशानी है।
जाली :: जातक कुण्डली माँगलिक होगी। उसका अष्टवर्ग प्रभावहीन होगा। वह जिस अनुपात में परिश्रम करेगा उस अनुपात में उसे फल की प्राप्ति नहीं होगी।
जाली अँगूठे के नाख़ून के पास :: जीवन साथी से धोखा।
द्वितीय पर्व ::
🟐एक तारे का चिन्ह :: ऐसा व्यक्ति सद्गुणी होते हुए भी गलत संगत के कारण भटक सकता है।
△ त्रिभुज :: उच्च कोटि का दार्शनिक या विद्वान व्यक्ति।
◯ वृत-कन्दुक :: अद्वितीय तर्क शक्ति।
≡ तीन समानांतर पड़ी-अाड़ी रेखाएँ :: सुतर्क और तात्कालिक बुद्धि की कमी।
।।। तीन समानांतर खड़ी-उर्ध्व रेखाएँ :: निर्भीक, स्वतंत्र विचार शक्ति।
+ X जमा या गुणा का चिन्ह :: वेश्यावृति में रुचि।
⏍ वर्ग चिन्ह :: जातक तर्कप्रिय, न्यायप्रिय, कुशल व्यावहारिक व्यक्ति।
जाली :: स्थान पर यह बेहद अशुभ है। जातक अत्यधिक विलासी और अन्य स्त्रियों से सम्बन्ध रखने वाला होता है। वह अक्सर बैचेनी और दिल उचाट होने का आभास करता है। जातक की कुण्डली में शुक्र 1,4,7 या फिर 10वें स्थान पर हो सकता, जिससे उसे सामुद्रिक यात्रायें, तस्करी, मछली उद्योग, हीरे जवाहरात का व्यापार और अन्य गलत कार्य करते हुए देखा जा सकता है।
निम्न शुक्र क्षेत्र में पाया जाने वाली यह जाली जातक के जेल जाने का सन्देश देती है। शुक्र की विपरीत दशा लगते ही इसका योग होता है।
कमजोर तर्क शक्ति। उसे अपने जीवन में महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले बुजुर्ग, विशेषज्ञयों, विद्वानों से सलाह मशवरा अवश्य करना चाहिये। वह स्वयं की बुद्धि से उचित निर्णय नहीं ले पायेगा। उसे दर्शन शास्त्र वकालत और ज्योतिष जैसे पेशों से सर्वथा दूर ही रहना चाहिये।
तृतीय पर्व-शुक्र पर्वत ::
🟐एक तारे का चिन्ह :: अत्यधिक प्रेमी निकटतम सम्बन्धी-रिश्तेदार की मौत का शोक। जातक 35-40 की उम्र के बाद नपुंसकता का शिकार हो जायेगा। यदि यह चिन्ह दोनों हाथों में तो यह निश्चित ही होगा।
△ त्रिभुज :: सुनिश्चित वैवाहिक सफलता, प्रेमी या प्रेमिका द्वारा धन-ऐश्वर्य लाभ।
◯ वृत-कन्दुक :: नेत्र पीड़ा।
≡ तीन समानांतर पड़ी-अाड़ी रेखाएँ :: वासना की अधिकता, अतृप्त वासना, जीवन साथी के अतिरिक्त अन्य विपरीत लिंगी से शारीरिक सम्बन्ध रखने पर कुप्रभाव, यदि ये रेखाएँ जीवन रेखा से जा मिलें। काटकर आगे बढ़ें तो अन्य परेशानी।
अँगूठे के मूल में रेखाएँ :: काम-नौकरियों की सँख्या, नजदीकी मित्र-सहायक, स्थान परिवर्तनों की सँख्या।
।।। तीन समानांतर खड़ी-उर्ध्व रेखाएँ :: जीवन रेखा के नजदीक होने पर अच्छा प्रभाव। शुक्र के बीचों बीच होने पर सत्य, असत्य की परख, न्याय और अनुशासनात्मक प्रवृति में सफलता। यह चिन्ह उच्च पदासीन व्यक्तियों यथा पुलिस, प्रशासन कर न्याय के क्षेत्र में हों तो पाया जाता है। स्वच्छ और सच्चा प्रेम।
मणिबंध के पास, पुरुष के सीधे हाथ में, समानांतर खड़ी-उर्ध्व रेखाएँ :: छोटी रेखा बहन को और बड़ी रेखा भाई को दर्शाती है।
मणिबंध के पास, पुरुष के उल्टे हाथ में, समानांतर खड़ी-उर्ध्व रेखाएँ :: बड़ी रेखा चाचा और छोटी रेखा बूआ को दर्शाती है।
+ X जमा या गुणा का चिन्ह :: गुर्दे व गुदा सम्बन्धी रोग।
⏍ वर्ग चिन्ह :: गुप्त रोगों से बचाव। जीवन रक्षा। परन्तु जेल जाने की संभावना या एकांत में रहने की मजबूरी यदि अन्य अशुभ चिन्ह मौजद हों।
जाली :: स्थान पर यह बेहद अशुभ है। जातक अत्यधिक विलासी और अन्य स्त्रियों से सम्बन्ध रखने वाला होता है। वह अक्सर बैचेनी और दिल उचाट होने का आभास करता है। जातक की कुण्डली में शुक्र 1,4,7 या फिर 10वें स्थान पर हो सकता, जिससे उसे सामुद्रिक यात्रायें, तस्करी, मछली उद्योग, हीरे जवाहरात का व्यापार और अन्य गलत कार्य करते हुए देखा जा सकता है।
APPEASEMENT OF VENUS शुक्र ग्रह के शान्ति के उपाय ::
वैदिक मंत्र :-
ॐ अन्नात्परिस्रुतो रसं ब्रह्मणा क्षत्रं पयः सोमं प्रजापति।
ऋतेन सत्यमिन्द्रियं वियान ℧ शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमृतं मधु।।
पौराणिक मंत्र :-
ॐ हिम कुन्द मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरूम् सर्व शास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।
तन्त्रोक्त मंत्र :- (जप संख्या :– 16,000).
ॐ द्रां, द्रीं दौं सः शुक्राय नमः।
शुक्र गायत्री मंत्र :-
ॐ भृगुराजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र प्रचोदयात्।।
दान की वस्तुएं :- चांदी चावल, सुवर्ण, दूध, दही, श्वेत वस्त्र, श्वेत घोड़ा, श्वेत पुष्प, श्वेत फल, सुगन्धित पदार्थ, दक्षिणा।
रत्न :- शुक्र ग्रह हेतु हीरा धारण किया जाता है।
अन्य उपाय :- शुक्रवार का व्रत धारण करना चाहिए। कुष्ट रोगियों को शुक्रवार के दिन खिचड़ी खिलाना शुभ होता है। शुक्रवार को माता संतोषी की पूजा कर श्वेत चन्दन का तिलक लगायें।
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