FISH LINE मत्स्य रेखा

FISH LINE मत्स्य रेखा

(A TREATISE ON PALMISTRY संतोष हस्त रेखा शास्त्र)

CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISM

By :: Pt. Santosh Bhardwaj

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ॐ गं गणपतये नम:।

अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम्।

निराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम्॥

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।

मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥

[श्रीमद्भगवद्गीता 2.47]

यह रेखा जीवन रेखा के अन्त में और सूर्य रेखा के ऊपर लगभग 55-65 वर्ष की आयु के दौरान दिखाई देती है। यह रेखा एक प्रकार का द्वीप है जो कि कई कटी-फ़टी रेखाओं द्वारा मिलकर बनता है। इसका प्रभाव शुभ है। यह जातक को धन-धान्य और उसकी आवश्यकता के अनुरूप हर सुख-साधन, समृध्दि प्रदान करती है। यह रेखा सामन्यतया जातक के द्वारा जीवन भर किये गये संघर्ष का सुपरिणाम है। स्पष्ट, पूरी, बगैर कटी-फ़टी भाग्य और सूर्य रेखाएँ सोने में सुहागे का काम करती हैं। अगर यह रेखा जातक के उलटे हाथ में है तो यह उसके पिता द्वारा की गई अथक मेहनत को दर्शाती है और इसका प्रभाव उसकी सन्तति पर भी होता है। यद्यपि यह रेखा केतु क्षेत्र में है, तथापि केतु का इससे कोई सम्बन्ध नहीं है और ना ही प्रभाव।

RAGDANTIKA रागदन्तिका  :: 

स्याद्राग रागदन्तिका नाम तर्जनीमूलदेशत:। 

अधोमुखी च रोहिण्या: सन्निधौ तलगामिनी॥

त्रैलोक्यरंजनी सैषा यदिमत्स्याकृतिः क्वचित्।

अभीष्टार्थप्रदा रेखा स्त्रीणां पुंसामयापि वा॥ 

ताम्बूलचर्वण श्रद्धा सूचनात् रागदन्तिका। 

तर्जनी ऊँगली के मूल से प्रारम्भ होकर यह रेखा जीवन रेखा के सामने राहू क्षेत्र की ओर बढ़ती है। यदि यह रेखा मछली का आकार ले ले तो, तीनों लोकों को प्राप्त करने की शक्ति प्रदान करती है। सामान्यतया यह मनुष्य की सभी इच्छाओं की पूर्ति करती है। इसका नाम पान चबाने की आदत का प्रतीक है। 
It starts from the foot of the Index finger and proceeds in the direction of the plain-palm just opposite to Rohini-Life Line. In case the shape of fish is formed by it, it will bring power to win over the 3 abodes. In general it capable of fulfilling all desires of the possessor. The name comes from the habit of chewing betel leaves.

(15). अँगूठे पर मत्स्याकृति :: जातक सुखी, सम्पन्न और खुश रहने वाला व्यक्ति होता है। उसका जन्म प्रायः चर राशि- मेष, कर्क, तुला या फिर मकर में ही होता है। वह धार्मिक विचारों वाला होता है और दूरस्थ प्रदेशों या तीर्थों की यात्रा करता है।

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संतोष महादेव-धर्म विद्या सिद्ध व्यास पीठ (बी ब्लाक, सैक्टर 19, नौयडा)

FORKED LINES शाखान्वित रेखाएँ 

शाखान्वित रेखाएँ FORKED LINES

CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISM

By :: Pt. Santosh Bhardwaj

(A TREATISE ON PALMISTRY संतोष हस्त रेखा शास्त्र)

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ॐ गं गणपतये नम:।

अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम्।

निराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम्॥

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।

मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि।[श्रीमद्भगवद्गीता 2.47]

(1). जीवन रेखा के अंत में शाखा जातक तो जीवन के आखिरी वक्त में पैसे की तंगी से परेशान कर सकती है।(1.1). जातक विदेश या फिर कोई लम्बी यात्रा कर सकता है। यात्रा का मकसद अपने बच्चों से मिलना हो सकता है।(1.2). यह रेखा शरीर को कमजोर बनाती है।ALBERT EINSTEIN (14 March, 1,879-18 April 1,955, German-born) :: The two hands show remarkable similarity, proving that the son inherited his physique and mentality-intelligence, from his father. Shape of the two hands is same, rounded at the base.

LINE OF HEAD is separate-detached from the Life Line which shows independence from the early child hood. After the age of 45 years, the Line of Head moves down wards, making the person more thoughtful and imaginative. There are two forks  there after, blessing him with scientific aptitude, especially the branch which forms a rectangle-quadrangle at the mental mount of Mars, with the help of another prong. Square-quadrangle is a sure sign of preservation and protection.

ALBERT EINSTEIN

(2.1). सूर्य और बुध की सन्धि के नीचे पाई जाने वाली यह रेखा जातक को सतर्क और सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है। ऐसी रेखा अलबर्ट आइंस्टाइन के हाथ में थी। यह जातक को जातक को बुद्धिमान और विलक्षण बनाती है। (2.2). जातक विज्ञान या तकनीकि क्षेत्र में विशेष योग्यता प्राप्त करेगा। (2.3). जातक धन, मान सम्मान प्राप्त करेगा। (2.4). जातक अपनी बुद्धि से कामयाबी हाँसिल करेगा। जातक को जमीन की खरीद फरोख्त से लाभ प्राप्त होगा।  (2.5). जातक बुद्धि बल से उच्च पद की प्राप्ति कर सकता है।

(3). यह द्विशाखित रेखा व्यक्ति को दो विभिन्न क्षेत्रों में लगाती है जिससे उसका ध्यान दो भागों में बँट जाता है और सफलता की मात्रा कम हो सकती है। 

(4). जातक को दो विभिन्न क्षेत्रों में मान-सम्मान प्राप्त होगा, मगर यदि वह एक ही क्षेत्र में काम करता तो सफलता-प्रसिद्धि ज्यादा प्राप्त होती। 

(5). विवाह रेखा की दो शाखाएँ होने पर पति-पत्नी परस्पर एक राय नहीं रखते, मगर जीवन की गाड़ी सुचारु रूप से चलती है। बहुत बड़ा खुला पन होना कष्ट कारक हो सकता है।

(6.1). हृदय रेखा की शाखा शनि और बृहस्पति की संधि की ओर जाती है जिससे जातक अन्य लोगों से अच्छे सम्बन्ध बना सकता है। दूसरी शाखा बृहस्पति पर जाती है जो उसे आदर्श व्यक्ति बनाती है।

(6.2). जातक को सफलता में मित्र, सम्बन्धी, पत्नी का सहयोग मिलता है। 

(6.3). जातक को विपरीत लिंगी से सम्बन्ध भारी पड़ सकते हैं। अगर यह रेखा मस्तिष्क रेखा को काट कर राहु क्षेत्र में प्रवेश करती है तो तलाक के साथ-साथ अन्य परेशानियाँ-मुसीबत भी आयेगी। 

दोहरी मस्तिष्क रेखा :: गाँधी और कीरो के हाथ में यह रेखा पाई गई। दोनों ने दोहरे चरित्र का प्रदर्शन किया। दोनों ही जेल गये। दोनों ही विश्वविख्यात व्यक्ति बने। गाँधी की हृदय रेखा पर बना त्रिशूल उनकी लोकप्रियता को प्रकट करता है। 

video link :: https://youtu.be/DQfvN2PKOZU

Video link :: https://youtu.be/paLYU9B-E-Q


द्विजिव्हित मस्तिष्क रेखा FORKED LINE OF HEAD :: यह लक्षण जातक की मस्तिष्क शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है। इसकी शाखा जिस पर्वत पर पहुँचती उसके गुणों का समावेश इसमें हो जाता है। अगर पर्वत हल्का से उभरा हुआ तो सोने में सुहागा।
(1). यह रेखा विभाजन सूर्य और बुध की अँगुली के  ठीक नीचे है। इससे रेखा में सूर्य, बुध, धर्म, उच्च मङ्गल और चन्द्र के गुणों का समावेश हो जाता है जिससे जातक उच्च कोटि का चिन्तक, वैज्ञानिक हो सकता है। आइन्स्टाइन के हाथ में लक्षण था, जिसने उन्हें उत्कृष्ट प्रतिभा का धनी बनाया।
(2). बुध पर्वत पर शाखा का पहुँचना जातक को उच्च कोटि का प्रभावशाली वैज्ञानिक, वकील, इंजीनयर-अभियन्ता, डॉक्टर बना सकता है। ऐसे व्यक्ति अच्छे निवेश कर्त्ता बन सकते हैं।
(3). सूर्य पर्वत पर शाखा के पहुँचने का अर्थ है, जातक को नाम शोहरत, धन-दौलत की उपलब्धि।
(4). शनि पर जाने वाली शाखा जातक को धनी बनाती है।
(5). बृहस्पति पर जाने वाली शाखा जातक को कुशल प्रशासक, विवेकशील, बुद्धिमान, दार्शनिक बनायेगी। 
(6). बृहस्पति से अगर मस्तिष्क रेखा का उदय हो तो जातक उच्च पदाधिकार, सर्वसम्मनित व्यक्ति होगा। यहाँ अगर तारे का चिन्ह हो तो जातक सर्वप्रिय भी होगा।शाखान्वित रेखाएँ FORKED LINES (A TREATISE ON PALMISTRY संतोष हस्त रेखा शास्त्र) santoshhastrekhashastr.wordpress.com  bhartiyshiksha.blogspot.com

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संतोष महादेव-धर्म विद्या सिद्ध व्यास पीठ (बी ब्लाक, सैक्टर 19, नौयडा)